(A) 300 -2500 ईसा .पू .
(B) 2500-2000 ईसा .पू .
(C) 300- 250 ईसा .पू .
(D) 1500 - 1000 ईसा .पू
(E) इनमे से कोई नहीं
उत्तर - (*)
विस्तार से - भारत में आर्यों का आगमन 1500 ईसा .पू में हुआ | ये भारत में आकर सप्त सैन्धव प्रदेश में बस गये | उत्तर वैदिक काल में इनका विस्तार गंगा नदी के क्षेत्र तक हो गया था | इस लिए इसका उत्तर इनमे से कोई नहीं होगा | |
(A) 2500-1800 BC
(B) 2000- 1500 BC
(C) 2000 BC
(D) 1500 – 1000 BC
उत्तर – (D)
आर्य लोग भारत में कहा से आये थे ?
1. पूर्वी यूरोप
2. आस्ट्रेलिया
3. मध्य एशिया
4. दक्षिण –पूर्व एशिया
उत्तर – मध्य एशिया
1. पूर्वी यूरोप
2. आस्ट्रेलिया
3. मध्य एशिया
4. दक्षिण –पूर्व एशिया
उत्तर – मध्य एशिया
भारत में का आगमन एक विवाद प्रश्न है | सर्वाधिक मान्य मैक्समूलर के मतानुसार आर्य मध्य एशिया है | |
आर्य भारत में किस रूप में आये थे ?
1. सौदागर तथा खानादोश
2. शरणार्थी
3. आक्रमणकारी
4. अप्रवासी
उत्तर – आक्रमणकारी
1. सौदागर तथा खानादोश
2. शरणार्थी
3. आक्रमणकारी
4. अप्रवासी
उत्तर – आक्रमणकारी
निम्नलिखित में कौन सा वेद सबसे प्रचीन है ?
1. सामवेद
2. यजुर्वेद
3. अर्थववेद
4. ऋग्वेद
1. सामवेद
2. यजुर्वेद
3. अर्थववेद
4. ऋग्वेद
उत्तर - ऋग्वेद
ऋग्वेद को विश्व का सबसे प्राचीन ग्रन्थ माना जाता है | इसकी रचना 1500 ई. सा. पूर्व से 1000 ई.सा.पूर्व के बीच हुई थी | बाद में उत्तर वैदिक कल में सामवेद,यजुर्वेद, अर्थववेद की रचना हुई | |
1. संस्कृत
2. द्रविड़
3. पाली
4. प्राक्रत
उत्तर – संस्कृत
ऋग्वैदिक आर्यों की प्रमुख भाषा संस्कृत थी | ऋग्वैदिक ग्रन्थ मुख्य रूप से संस्कृत भाषा में लिखे जाते थे |
- ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी कौन सी है ?
1. सरस्वती
2. गंगा
3. यमुना
4. सिन्धु
उत्तर – सरस्वती
ऋग्वेद में वर्णित सबसे प्राचीन पवित्र नदी सरस्वती थी | इसे नदियों में श्रेष्ठ एवं नदियों की माता (सिन्धु माता ) कहा गया है | आर्यों की सबसे प्रमुख नदी सिन्धु नदी थी, जिसका ऋग्वेद में सर्वाधिक बार वर्णन है | |
1. ऋग्वेद में
2. अर्थव वेद में
3. यजुर्वेद में
4. सामवेद में
उत्तर – सामवेद में
भारतीय शास्त्रीय संगीत के सिधांत की विवेचना सामवेद में की गई है| इसमें अधिकांश मंत्र ऋग्वेद से ही लिए गये है और इनका उच्चारण विशेष प्रकार की पूजा में गाये जाते है | |
1. अर्थववेद
2. सामवेद
3. यजुर्वेद
4. ऋग्वेद
उत्त्तर - अर्थववेद
1. लोहा
2. सोना
3. चांदी
4. तांबा
उत्तर – तांबा
वैदिक काल में सर्प्रथम तांबा धातु का प्रयोग किया गया तथा उत्तर वैदिक काल में तांबे के अतरिक्त चांदी, सोना एवं लोहा अदि धातु का प्रयोग होने लगा | |
1. ऋग्वैदिक काल में
2. गुप्तकाल में
3. उत्तर –वैदिक काल में
4. ईसा युग की आरंभिक शाताप्दियो में
उत्तर - ईसा युग की आरंभिक शाताप्दियों में
उत्तर वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था के कठोर न होने के कारण इस समय इसकी जड़े नहीं पनप पाई थी | वर्तमान ब्राम्हणवाद का रूप स्म्रति काल (200 ई.पू. – 200 ई.) में ही स्पस्ट होता है | |
1. वाल्मीकि को
2. वशिष्ठ को
3. मनु को
4. पाणिनि को
उत्तर – मनु को
प्राचीन हिंदू विधि का लेखक मनु को कहा जाता है, जिनकी मनुस्म्रती हिन्दू विधि का प्राचीनतम श्रोत माना जाता है | |
1. नय्धन्द्र ने
2. अमोघवर्ष
3. विज्ञानेश्वर
4. कंबन
उत्तर – विज्ञानेश्वर
1. बहुविवाह प्रथा अज्ञात थी
2. बाल विवाह प्रमुख था
3. विधवा पुनः विवाह कर सकती थी
4. अनुलोम विवाह स्वीकृत था
उत्तर – अनुलोम विवाह स्वीकृत था
अनुलोम विवाह में उच्च वर्ण का पुरुष कनिष्ठ वर्ण की स्त्री से विवाह करता था | वैदिक युग के आरंभ में वर्ण व्यस्था ज्यादा कठोर नहीं थी | इसी कारण समाज में अनुलोम विवाह स्वीकृत था | |
1. केदारखंड
2. कुर्माचल
3. जांलधर
4. गढ़देश
उत्तर – केदारखंड
स्कन्द पुराण में गढ़वाल को केदारखंड और कुमाऊँ को मानसखंड कहा गया है | समस्त प्राचीन साहित्य में गढ़वाल – कुमाऊ को सम्मिलित रूप से उत्तराखंड कहा गया है | |
1. शास्त्र
2. क्रषि के उपकरण
3. लिपि
4. सिक्का
उत्तर – सिक्का
निस्क शब्द का प्रयोग प्राम्भिक रूप से वैदिक काल में हार जैसे किसी स्वर्णभूषण के लिए होता था | बाद में इसका प्रयोग सिक्का के सन्दर्भ में किया जाने लगा | |
1. चैत्र
2. वैशाख
3. माघ
4. कार्तिक
उत्तर – चैत्र
शक पंचाग का प्रथम मास चैत्र होता है | इसके बाद क्रमश: वैशाख, ज्येष्ठ,अषाढ़, श्रावण, (सावन) भाद्रपद, अश्विनी, कार्तिक, मार्गशीष, पौष, माघ व फाल्गुन महीने आते है | |
Click here - Vedic history in hindi
1. चैत्र
2. माघ
3. पौष
4. फाल्गुन
उत्तर – फाल्गुन
1. इंद्र
2. विष्णु
3. सूर्य
4. ब्रम्हा
उत्तर – इंद्र
ऋग्वेद का प्रमुख देवता इंद्र को माना गया है | इंद्र को विश्व का स्वामी कहा गया है | उन्हें पुरंदर की संज्ञा दी गई है | ऋग्वेद के करीब 250 सूक्तो में इंद्र का वर्णन है | |
1. इंद्र
2. अग्नि
3. वरूण
4. सोम
उत्तर – इंद्र
1. पवन के
2. शाश्वत के
3. वर्षा एवं व्रज के
4. अग्नि के
उत्तर – वर्षा एवं व्रज के
वैदिक देवता इंद्र को वर्षा का देवता कहा गया है जिनका प्रिय अस्त्र वज्र था | |
1. मारूत
2. अग्नि
3. शक्ति
4. वरूण
उत्तर – अग्नि
ऋग्वेद का प्रमुख देवता अग्नि है जिसके लिए ऋग्वेद में 200 श्लोक है | हलाकि सर्वाधिक प्रमुख देवता इंद्र है जिसके बारे में कुल 250 श्लोक है किन्तु उपरोक्त विकल्पों में इंद्र न होने के कारण सही उत्तर अग्नि होगा | |
1. ऋग्वेद स
2. शतपथ ब्राम्हण से
3. रामायण से
4. मुन्द्कोपनिषद
उत्तर – मुन्द्कोपनिषद
1. २०
2. 16
3. १४
4. १८
उत्तर – १८
पुराणों की संख्या 18 है इनके रचियता लोमहर्ष या उनके पुत्र उग्रश्रवा माने जाते है | |
1. ऋग्वेद में
2. अर्थववेद
3. उपनिषद
4. पुराणों में
उत्तर – ऋग्वेद में
ऋग्वेद में गायत्री मन्त्र का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद के तृतीय मंडल में मिलता है जिसकी रचना विश्वामित्र ने की है | |
1. प्रकति
2. पशुपति
3. देवी माता
4. त्रिमूर्ति
उत्तर – प्रक्रति
1. शिल्पकारी
2. पशुपालन
3. खेती
4. व्यापार
उत्तर – पशुपालन
ऋग्वैदिक काल से आर्यों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन था | ऋग्वेद में पशु धन एवं गाय पर विशेष चर्चा की गई है | क्रषि का उल्लेख केवल 24 बार हुआ | बाद में उतर वैदिक काल में क्रषि आर्यों का मुख्य व्यवसाय हो गया | |
1. जौ
2. तिल
3. गेंहू
4. चावल
उत्तर – चावल
वैदिक शब्द में ब्रिही एवं तंदुल का अर्थ चावल से है | गेंहू के लिए गोधूम शब्द का प्रयोग किया गया है | |
1. भाषा और व्याकरण
2. आर्युवेद
3. खगोल विज्ञान
4. जीव विज्ञान
उत्तर – भाषा और व्याकरण
पाणिनि सातवी सताब्दी ई.पू. में संस्कृत व्याकरण के विद्वान थे | उन्होंने संस्कृत व्याकरण की पुस्तक अष्टाध्यायी की रचना की थी | |
Click here - Vedic history in hindi
Click Here - Vedic sabhyta notes in hindi
Click Here - ancient history of india in hindi |
0 Comments