What is article 370 and 35a in hindi
आर्टिकल 35A और आर्टिकल 370 क्या है ?
आर्टिकल 35A तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित करके भारत के संविधान में जोड़ा था जबकि आर्टिकल 370 (Artical 370) को 17 नवंबर 1952 से लागू किया गया था। आर्टिकल 370 (Artical 370) को भारतीय संविधान में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और जम्मू कश्मीर के महाराजा हरी सिंह के मध्य हुए समझौते के बाद जोड़ा गया था | ये दोनों ही अधिकार जम्मू और कश्मीर के लोगों को विशेष प्रकार की सुविधाएँ देते हैं जो कि भारत के अन्य राज्यों के नागरिकों को नहीं मिलीं हैं | यह आर्टिकल स्पष्ट रूप से कहता है कि रक्षा, विदेशी मामले और संचार के सभी मामलों में पहल भारत सरकार करेगी। आर्टिकल 370 (Artical 370) के कारण जम्मू कश्मीर का अपना संविधान है और इसका प्रशासन इसी के अनुसार बदला जाता है ना कि भारत के संविधान के अनुसार।
आर्टिकल 35A क्या है? (What is article 35A)
आर्टिकल 35A संविधान में शामिल प्रावधान है जो जम्मू और कश्मीर विधानमंडल को यह अधिकार प्रदान करता है कि वह यह तय करे कि जम्मू और कश्मीर का स्थायी निवासी कौन है और किसे सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में विशेष आरक्षण दिया जायेगा, किसे संपत्ति खरीदने का अधिकार होगा, किसे जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में वोट डालने का अधिकार होगा, छात्रवृत्ति तथा अन्य सार्वजनिक सहायता और किसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का लाभ मिलेगा. आर्टिकल 35A में यह प्रावधान है कि यदि राज्य सरकार किसी कानून को अपने हिसाब से बदलती है तो उसे किसी भी कोर्ट में चुनौती नही दी जा सकती है.अनुच्छेद 35A, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है. इसके तहत दिए गए अधिकार 'स्थाई निवासियों' से जुड़े हुए हैं. इसका मतलब है कि j& K राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दे अथवा नहीं दे |
आर्टिकल 35A में मुख्य प्रावधान क्या हैं? (Provisions under Article 35A)
1. यह आर्टिकल किसी गैर कश्मीरी व्यक्ति को कश्मीर में जमीन खरीदने से रोकता है |2. भारत के किसी अन्य राज्य का निवासी जम्मू & कश्मीर का स्थायी निवासी नही बन सकता है और इसी कारण वहां वोट नही डाल सकता है |
3. अगर जम्मू & कश्मीर की कोई लड़की किसी बाहर के लड़के से शादी कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं. साथ ही उसके बच्चों के अधिकार भी खत्म हो जाते हैं |
4. यह आर्टिकल भारत के नागरिकों के साथ भेदभाव करता है क्योंकि इस आर्टिकल के लागू होने के कारण भारत के लोगों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र से वंचित कर दिया जबकि पाकिस्तान से आये घुसपैठियों को नागरिकता दे दी गयी. अभी हाल ही में कश्मीर में म्यांमार से आये रोहिंग्या मुसलमानों को भी कश्मीर में बसने की इज़ाज़त दे दी गयी है|
आर्टिकल 35A भारतीय संविधान में कब जुड़ा? (Article 35A added in Indian Constitution)
आर्टिकल 35A,14 मई 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने एक आदेश पारित किया था. इस आदेश के जरिए भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 35A जोड़ दिया गया |
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वर्तमान में आर्टिकल 35 A को हटाने की मांग क्यों हो रही है ?
1. इसे हटाने के लिए पहली दलील यह है कि इसे संसद के जरिए लागू नहीं करवाया गया था |2. देश के विभाजन के वक्त बड़ी तादाद में पाकिस्तान से शरणार्थी भारत आए. इनमें लाखों की तादाद में शरणार्थी जम्मू-कश्मीर राज्य में भी रह रहे हैं और उन्हें वहां की नागरिकता दे दी गयी है |
3. जम्मू & कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 35A के जरिए इन सभी भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी प्रमाणपत्र से वंचित कर दिया. इन वंचितों में 80 फीसद लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय से हैं |
4. जम्मू & कश्मीर में विवाह कर बसने वाली महिलाओं और अन्य भारतीय नागरिकों के साथ भी जम्मू & कश्मीर सरकार आर्टिकल 35A की आड़ लेकर भेदभाव करती है |
4 Comments
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